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4400 से ज्यादा बेटियों का सामूहिक जन्मोत्सव मनाया

नारी बिना दुनिया की कल्पना असंभव
-दाती महाराज रीलिफ हाॅस्पिटल में सामूहिक बालिका जन्मोत्सव व निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन
-4400 से ज्यादा बेटियों का सामूहिक जन्मोत्सव मनाया
-डीएमआर हाॅस्पिटल में चार हजार से अधिक रोगियों की आंखें जांची
-कुपोषण पर आयोजित कार्यशाला में ग्राम समन्वयकों ने की भागीदारी
सोजत। जिला कलक्टर अम्बरीश कुमार ने कहा कि नारी बिना दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती है। नारी सिक्के का दूसरा पहलू है। जिस तरह सिक्के से उसका दूसरा पहलू अलग नहीं किया जा सकता, वैसे ही नारी के बिना दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती है। इस संसार की गाडी को चलाने के लिए नारी की जरूरत जरूरी है। आज नारी हर क्षेत्र में पुरूषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। ऐसे में नारी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। जिला कलक्टर मंगलवार को बागावास गांव के समीप महामण्डलेश्वर परमहंस दाती महाराज की ओर से निर्माणाधीन डीएमआर हाॅस्पिटल परिसर में आयोजित निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर व सामूहिक बालिका जन्मोत्सव समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि दाती महाराज की ओर से संचालित किया जा रहा बेटी बचाओ अभियान तथा भू्रण हत्या की रोकथाम अभियान अपने आप में एक मिसाल है। इन अभियानों की बदौलत न सिर्फ राजस्थान में जागरूकता पैदा हो रही है, बल्कि समाज अब बेटियों का महत्व समझने लगा है। आगामी दिनों में इस अभियान की गूंज देश के कोने-कोने में सुनाई देंगी। जिला कलक्टर ने कहा कि दाती महाराज एक संत होकर जिस तरह से समाज और देश की सेवा कर रहे हैं, वह अपने आप में अनुकरणीय है। समारोह में पूर्व सांसद पुष्प जैन ने कहा कि धन की देवी लक्ष्मी, शिक्षा की देवी सरस्वती और शक्ति की देवी जगदम्बा नारी का एक स्वरूप है। आज के समय में भी नारी किसी मदद की मोहताज नहीं है और हर क्षेत्र में सफलता के परचम लहरा रही है। आज के समय में दुनिया का कोई भी काम नारी की मौजूदगी के बिना पूरा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मानव जाति को चाहिए कि नारी शक्ति का पूरा सम्मान करें और कोख में उन्हें कत्ल करने की मानसिकता को बदलना चाहिए। समारोह में दाती महाराज ने कहा कि अठारह साल पहले उन्होंने बेटियों पर कोख में हो रहे अत्याचार को गम्भीरता से महसूस किया था। इसी की बदौलत उन्होंने बेटी बचाने और समाज के संतुलन को बचाने के लिए बेटियों को बचाने का अभियान छेडा था। यह अभियान गांव-ढाणियों से लेकर प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचा। नतीजतन, अब यह अभियान प्रदेश में जागरूकता की लहर फैला रहा है। उन्होंने कहा कि समाज में यह मानसिकता बन गई थी कि बेटियां उनके लिए किसी काम की नहीं है। इसी कारण कई परिवार कोख में ही उनका कत्ल कर रहे थे। उन्हें अब यह सोचने को विवश होना पडा है कि बेटियों की कमी आगामी समय में उनके लिए ही परेशानी का सबब बन सकती है। उन्हें मां, पत्नी तो चाहिए थी पर बेटियां नहीं। उन्हें अब यह अहसास हो गया है कि बेटियां नहीं होगी तो दुनिया नहीं चलेगी। समाज ने उन्हें जो स्नेह दिया अब वे उसे ही सेवा के रूप में लोगों के बीच बांट रहे है। उन्होंने कहा कि पश्चिम की परम्पराओं को अपनाने के कारण ही हम कई तरह की परेशानियों से घिर गए है। इसी परिणामस्वरूप हमने बेटियों को किनारे कर दिया है। अब समय आ गया है कि हम बेटियों को गले लगाएं और उन्हें अपना बनाएं। आज के समय में अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उससे बडा कोई दुर्भाग्यशाली नहीं है। कन्या भू्रण हत्या का पाप उसके सिर ऐसा चढेगा कि वह उससे कभी उऋण नहीं हो पाएगा। बेटी बचाओ अभियान में जिला प्रशासन और सरकारी स्तर पर मिले सहयोग का साधुवाद देते हुए उन्होंने कहा कि समाज को जागरूक करने में सरकारी तंत्र हर कदम पर उनके साथ खडा रहा। इस मौके पर सुमेरपुर विधायक मदन राठौड ने कहा कि दाती महाराज का बेटी बचाओ अभियान अनुकरणीय है और वे हर कदम पर इस अभियान की सफलता के लिए तत्पर है। बाली विधायक पुष्पेन्द्रसिंह राणावत ने कहा कि आज की नारी अंतरिक्ष में कदम रख चुकी है। वह रेल के संचालन सरीखा भारी काम कर सकती है। ऐसे में उसकी शक्ति को कम आंकना हमारी भूल होगी। उन्होंने आमजन से आहवान किया कि कन्या भू्रण हत्या का पाप अपने सिर नहीं लें। सोजत विधायक संजना आगरी ने कहा कि बेटियां दो घरों में खुशियां महकाती है। ऐसे में कोख में ही उनका कत्ल कर हम सामाजिक संतुलन को बिगाड रहे हैं। हमें चाहिए कि हम बेटियों को भी वह दर्जा दें जो समाज में बेटों को मिल रहा है। इस मौके पर सिरोही विधायक ओटाराम देवासी ने कहा कि नारी शक्ति का सम्मान करके ही हम अपनी गौरवशाली परम्परा का निर्वहन कर सकते है। कार्यक्रम में गो सेवा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक ताराचंद शर्मा, मानदातारसिंह समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। 
निःशुल्क शिविर में उमडा जनसैलाब
मेडिकल काॅलेज परिसर में इस मौके पर एएसजी हाॅस्पिटल, डीएमआर हाॅस्पिटल और श्री शनिधाम टस्ट की मेजबानी में आयोजित निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर में चार हजार से अधिक मरीजों के आंखों की जांच की गई। एएसजी हाॅस्पिटल के डाॅ शंशाक गांग, डाॅ अरूण सिंघवी, डाॅ नवनीत, डाॅ परवीन जैन, डाॅ कुन्दन व डाॅ अमर ने अत्याधुनिक मशीनों की सहायता से मरीजों के आंखों की जांच कर उन्हें परामर्श व दवाईयां दी। इस दौरान आॅपरेशन योग्य दो सौ से अधिक मरीजों का चयन किया गया, जिनका आॅपरेशन एएसजी हाॅस्पिटल में किया गया। इस दौरान अठारह वर्ष की उम्र से अधिक गरीब, निर्धन व बीपीएल परिवार की ग्यारह छात्राओं के आंखों की जांच करने के उपरांत क्यू लेसिक प्रक्रिया से आॅपरेशन के लिए उन्हें भर्ती किया गया। शिविर में जांच एवं आॅपरेशन योग्य रोगियों का चयन करने में डाॅ हजारीमल चैधरी, डाॅ देवेन्द्र चैधरी, डाॅ आर के पामेचा, डाॅ मोतीलाल मेवाडा, राकेश गुप्ता, नरेश ओझा, संजय मेहता, रामपाल समेत कई गणमान्य लोगों ने अपना सहयोग दिया। शिविर के आरम्भ में सवेरे श्री शनिधाम टस्ट की ओर से एएसजी समूह की ओर से शिविर में अपनी सेवाएं देने आए सभी चिकित्सकों का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में मां श्रदृधा, मां ध्यानपुरी, सोनल शर्मा, जबरसिंह राजपुरोहित मौजूद रहे। शिविर की व्यवस्थाओं में सिरियारी के उप सरपंच अल्लाबख्श पठान, देसूरी के अल्लारख खां, विष्णु व्यास, शैलेष वर्मा, कैलाश संावलानी व अंकित मरलेचा समेत कई लोगों का सहयोग रहा। कार्यक्रम में एसजेटी काॅलेज राणावास के विद्यार्थियों की सेवाएं सराहनीय रही।
कुपोषण पर जताई चिंता
मेडिकल काॅलेज परिसर में दोपहर में आयोजित कुपोषण विषयक कार्यशाला में मिशन पूर्ण शक्ति से जुडी ग्राम समन्वयकों ने उत्साह से शिरकत की। इस दौरान तीन सौ से अधिक ग्राम समन्वयकों को आर के पामेचा, डाॅ देवेन्द्र चैधरी, मानदातारसिंह समेत कई विशेषज्ञों ने स्लाइडों के माध्यम से कुपोषण पर जरूरी जानकारियां दी। ग्राम समन्वयकों ने विश्वास दिलाया कि वे दाती महाराज की मंशा के अनुरूप पाली जिले में कुपोषण की रोकथाम के लिए अपना पूरा सहयोग प्रदान करेंगी। कार्यशाला से पहले गुजरे तीन महीनों में इस दुनिया में पहला कदम रखने वाली बेटियों के माताओं को कपडे, मिठाई, प्रशस्ति पत्र दिया गया।