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व्यवहार कुशलता

सचमुच व्यवहार मनुष्य का वह अस्त्र है, जो पग-पग पर उसकी रक्षा करता है। मनुष्य की व्यवहार कुशलता ही दूसरे मनुष्य के हृदय पर कोई छाप छोड़ सकती है, जिसकी वजह से दूसरा व्यक्ति उसकी तरफ आकर्षित होता है। जिस प्रकार जब फुलवारी में गुलाब का फूल खिलता है, वह स्वयं कभी अपना बखान नहीं करता, बल्कि उसकी सुंदरता और उसकी महक उसका परिचय खुद-ब-खुद दे देती है। इसी प्रकार व्यवहार कुशल व्यक्ति की व्यवहार कुशलता ही उसका पूरा परिचय देती है। उसे अपने मुंह मियां मि_ïू बनने की जरूरत नहीं पड़ती।

मुझको लगता है, इस महान ज्ञान के पथ पर बढ़ते हुए कोई व्यक्ति जब इस ज्ञान के व्यावहारिक पक्ष के प्रति जागरूक होता है, तब स्वत: ही उसके अंदर उस सुंदर ज्ञान की सुंदरता अपनी पूरी गुणवत्ता सहित प्रवाहित होने लगती है जो उसके हाव-भाव और आचार-विचार के माध्यम से परिलक्षित होने लगती है।

जब ज्ञान का सौंदर्य साधक के व्यावहारिक जीवन में उतरने लगता है, तो उसमें आया बदलाव, उसका प्रसन्न मुख-मंडल और उसकी यह व्यवहार कुशलता स्वत: ही उस अंदर ज्ञान का वास्तविक परिचय प्रदान कर देते हैं। उस व्यक्ति विशेष का यही परिचय दूसरों को भी प्रभावित कर सकता है।

इस संदर्भ में एक बात महत्वपूर्ण यह है कि इस व्यावहारिक पक्ष में साधक का दिन-प्रतिदिन उत्तरोत्तर उन्नति करना आवश्यक है। क्योंकि ज्ञान लेने से पूर्व यदि हमारे आचरण में परिवर्तन नहीं आता तो किस प्रकार पता चल सकता है कि ज्ञान की गुणवत्ता हमारे जीवन में उतर रही है या नहीं? यही ज्ञान हमारे हृदय में बदलाव लाकर हमें व्यावहारिक बना सकता है।

होता अक्सर यह है कि जब कभी हमने ईमानदारी से इस ज्ञान रूपी दर्पण में झांका है, तब सदा अपनी कमियों को ही हमने अपने जीवन में महसूस किया है। स्पष्टï है उन कमियों का आभास हममें इसीलिए उजागर होता है ताकि उनको दूर करने की हमारे द्वारा कोशिश की जा सके। जब उस तरफ हम थोड़ा सा भी प्रयास करते हैं तो हमें उस महान कृपा का अनुभव होता है, तब लगता है कि यह असंभव कार्य उनकी कृपा से संभव हो सकता है। धीरे-धीरे प्रयास करते हुए जब हम जीवनपथ पर अग्रसर होते हैं, तब स्वत: ही हमारे अंदर विलक्षण परिवर्तन होते नजर आते हैं, जो इस महान ज्ञान का प्रभाव है। जब यह ज्ञान व्यावहारिक रूप से प्रयोग में आता है, तब ज्ञान की खुशबू बिखेरने लगती है। इसी से लगता है कि ज्ञान व व्यावहारिक आचरण का घनिष्ठï संबंध है। सचमुच व्यवहार कुशलता ही वह गहना है जो हमारे जीवन को सुंदरतम बनाये रखता है।